एक साथ नहीं होंगे लोकसभा व विधानसभा चुनाव

चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं, बल्कि अपने समय पर होंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एलान किया कि सरकार भविष्य में करीब 25 हजार नई नौकरियां देने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि ग्रुप डी की 18 हजार नौकरियां देकर सरकार ने किसी पर कोई अहसान नहीं किया, बल्कि हमारी सरकार ने योग्यता के आधार पर रोजगार दिया है।


मुख्यमंत्री मनोहर लाल विधानसभा में राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर चर्चा के बाद विपक्ष के हमलों का जवाब दे रहे थे। रात करीब नौ बजे तक सदन चलता रहा। मुख्यमंत्री के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के नेता अभय चौटाला सदन में नहीं थे। मुख्यमंत्री ने आंकड़ों के साथ कहा कि हमने साढ़े चार साल में पिछली सरकार के 10 साल के शासन से कहीं अधिक नौकरियां दी हैैं। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि ग्र्रुप डी में आठ हजार युवक बारहवीं पास और तीन हजार दसवीं पास लगे हैैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर गिरोह फंसाने की कोशिश करते थे। अब हमने यह खेल बंद कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्र में ग्र्रुप डी में 15071 युवाओं को नौकरी मिली है, जबकि शहरी क्षेत्र के 3200 युवाओं को नौकरी मिली। ग्र्रुप डी में 13 हजार नौकरियां उन्हें मिली, जिनके घर मे कोई सरकारी नौकरी नहीं है।


एसवाइएल नहर निर्माण में कोताही के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एसवाईएल राजनीतिक मामला ज्यादा बना हुआ है। यह सुप्रीम कोर्ट में है। हरियाणा सरकार इस नहर का निर्माण कराने के संकल्पित है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आठ लाख किसानों का डाटा अपलोड हो चुका है। 24 फरवरी को प्रधानमंत्री इन किसानों के खाते में दो हजार रुपये की पहली किस्त ट्रांसफर करेंगे।


हरियाणा के मनेठी में एम्स के स्थानांतरित होने के मुद्दे पर मनोहर लाल और भूपेंद्र हुड्डा में काफी वाद विवाद हुआ। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के साथ हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि झज्जर के बाढ़सा में मेडिकल की जो यूनिट्स स्थापित होनी थी, वह ज्यों की त्यों होंगी तथा मनेठी में अलग एम्स बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेवाड़ी में मनेठी में पंचायत से 100 एकड़ जमीन ली जा चुकी है।


मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जमीन अधिग्र्रहण के बाद जमीनों के अलग-अलग रेट पर स्थिति साफ की है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर रेट के नाम से गलतफहमियां पैदा हो रही है। इसलिए जमीन के रेट को आज से कलेक्टर रेट की बजाय फेयर वैल्यू रेट कहा जाएगा। उन्होंने मरीजों का शोषण करने वाले क्लीनिक संचालकों के विरुद्ध भी कड़ा रुख अख्तियार करने की बात कही है।